15 March 2000

गर जाना ही था


आए क्यों इस ज़िंदगी में गर जाना ही था
किया क्यों मुझसे वो प्यार जो निभाना ना था

दिखाए क्यों वो सपने जिन्हें सजाना ना था
बनाया क्यों वो घर जिसे गिराना ही था

तुम गये, सब कुछ गया
आख़िर जाना ही था

चैन गया, नींद गयी, दिल का करार भी गया
तुम्हारे साथ, मेरे लिए तुम्हारा प्यार भी गया

सजी तुम्हारे हाथों में मेहन्दी, बहे इधर खून के आँसू
उठी जब तुम्हारी डोली, इस दिल का सारा सुकून भी गया

रह गयीं इस दिल में बस यादें तुम्हारी
बस गयी इस दिल में तस्वीर सिर्फ़ तुम्हारी

लुट गयी ह्मारी दुनिया सारी
नहीं गया तो तुम्हारे लिए ह्मारा प्यार न गया...

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