08 July 2011

बरसात की बूँदें

बरसात की बूँदों के स्पर्श ने एहसास दिलाया
की मैं अपना बचपन दूर कहीं छोड़ आया

दिन - महीने - साल बीत चुके हैं
नहीं याद बरसात में खुद को कब भीगाया

इस भीड़ में खुद की पहचान बनाते बनाते
शायद मैं खुद को ही कहीं खो आया