05 May 1998

कहाँ तुम चले गये...


आँखों में मेरी अब भी,
आँसू वो तुम्हारे हैं...
कैसे भूलूँ वो लम्हे,
तुम संग जो गुज़ारे हैं...
इक पल का था तेरा साथ,
जीवन है अंधेरी रात,
कहाँ तुम चले गये...

तेरी पायल की रुन झुन,
तेरी चूड़ी की छन छन...
है कानों में अब भी,
तेरी हँसी की वो ख़न्न् ख़न्न्...
सूने हैं मेरे सब गीत,
यूँ छीन के ही संगीत,
कहाँ तुम चले गये...