आए क्यों इस ज़िंदगी में गर जाना ही था
किया क्यों मुझसे वो प्यार जो निभाना ना था
दिखाए क्यों वो सपने जिन्हें सजाना ना था
बनाया क्यों वो घर जिसे गिराना ही था
तुम गये, सब कुछ गया
आख़िर जाना ही था
चैन गया, नींद गयी, दिल का करार भी गया
तुम्हारे साथ, मेरे लिए तुम्हारा प्यार भी गया
सजी तुम्हारे हाथों में मेहन्दी, बहे इधर खून के आँसू
उठी जब तुम्हारी डोली, इस दिल का सारा सुकून भी गया
रह गयीं इस दिल में बस यादें तुम्हारी
बस गयी इस दिल में तस्वीर सिर्फ़ तुम्हारी
लुट गयी ह्मारी दुनिया सारी
नहीं गया तो तुम्हारे लिए ह्मारा प्यार न गया...
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