ज़िंदगी की इन तन्हाईओं को
तलाश है इक हमसफर की
समझ ले आँखों से दिल की ज़ुबान
तलाश है ऐसी इक नज़र की
चेहरे पे हो जिसके वो चाँद की सी चमक
ज़ुल्फो में हो जिसकी गुलाबों की सी महक
बातों में हो जिसकी झांझारों सी झनक
हँसी में हो जिसकी घुंघरुओं की सी ख़नक
आँखों में हो जिसकी मे सा इक नशा
अधरों पे हो जिसके शहद की सी रसा
हाथों में हो जिसके स्पर्श वो रेशम सा
चाल में हो जिसकी बॅल वो नागिन सा
दामन में हो जिसके सुकून वो खुदा सा
स्पर्श में हो जिसके प्यार वो सबसे जुदा
ज़ुबान पर हो जिसकी बात वो मेरे ही दिल की
दुख में मुझे सभाले जो, हो सुख में मेरे शामिल भी.
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